कुछ लकीरें मारी थी कोरे कागज़ पर
कुछ ज़िन्दगी के अफसाने निकले
कुछ ज़िन्दगी जीने के बहाने निकले
कुछ सजीले से सपने निकले
हम चले तो थे घर से अकेले ही
पथ पर कुछ जाने पहचाने निकले
मौत से भी रूबरू होना है अभी
वक्त ख़त्म हो तो हम भी निकलें
#अजय #juswanasay
तुम्हारे ख़याल से अब ये दिल न बेहलेगा तुम ख़्वाब बन आओ तो क्या न आओ तो क्या #अजय #juswanasay
तुम्हारे ख़याल से अब ये दिल न बेहलेगा तुम ख़्वाब बन आओ तो क्या न आओ तो क्या #अजय #juswanasay


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