Saturday, April 29, 2017

फ़िलहाल हवायें


फ़िलहाल हवायें

फ़िलहाल हवायें तेज़ हैं ज़रा थमने दो हम भी बड़ी शोक से अपनी बर्बादी का मंज़र देखेंगे
कैसे जली हसरतों की इमारत हम भी अपनी जला कर देखेंगे ..

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