Sunday, April 23, 2017

उमीदों का नशा





उमीदों का नशा



वो तो मैं बहकता नही उम्मीदों के नशे में,

वरना बर्बादी का मंजर कुछ ओर होता।

1 comment:

  1. क्या बात है वाह बर्बादी का मंजर कुछ और होता वाह।

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