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Sunday, April 23, 2017
परिंदे और इंसान
परिंदे और इंसान
परिंदों को तो रोज़ गिरे होए ही दाने खाने थे ,
मगर तुम क्यों इतना गिर गए ,
तुम्हें तो मेहनत और ईमानदारी से कमा कर खाने थे...
#
अजय
#
juswanasay
1 comment:
anonymous
April 24, 2017 at 10:28 AM
बहुत उम्दा बात कहिहै आपने
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बहुत उम्दा बात कहिहै आपने
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